भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे निष्क्रिय खातों की संख्या में कमी लाने के लिए तत्काल कदम उठाएं। इस आदेश का मुख्य उद्देश्य बैंकों के खातों को व्यवस्थित रखना और उन खातों से जुड़ी समस्याओं को दूर करना है जो लंबे समय से बिना लेन-देन के हैं। ऐसे खातों के बंद होने से लाखों ग्राहकों पर असर पड़ सकता है, इसलिए इन खातों से जुड़ी जरूरी जानकारी को समझना जरूरी है।
क्या होते हैं निष्क्रिय बैंक खाते?
निष्क्रिय बैंक खाते वे खाते होते हैं जिनमें लंबे समय से कोई लेन-देन नहीं किया गया हो। आमतौर पर यदि किसी बैंक खाते में 12 से 24 महीने तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता है, तो वह खाता निष्क्रिय (inactive) माना जाता है। निष्क्रिय होने के बाद, बैंक इस खाते को “फ्रीज” (freeze) कर सकते हैं, यानी खाते से कोई भी लेन-देन करना असंभव हो जाता है।
यह स्थिति तब आती है जब खाताधारक ने एक लंबी अवधि तक खाते में कोई जमा, निकासी या अन्य प्रकार का लेन-देन नहीं किया हो। इन खातों में राशि पड़ी रहती है और न तो खाताधारक का ध्यान जाता है, न ही बैंक इसका इस्तेमाल करता है।
आरबीआई का आदेश और निष्क्रिय खातों का बढ़ता आंकड़ा
हाल के दिनों में निष्क्रिय खातों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी चिंता व्यक्त की है और बैंकों से कहा है कि वे इन खातों को शीघ्र सक्रिय करें या इन्हें बंद करने के लिए उचित कदम उठाएं। आरबीआई का मानना है कि निष्क्रिय खातों में बढ़ती रकम बैंकों के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है, और यह बैंकिंग प्रणाली को अव्यवस्थित कर सकती है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि वे निष्क्रिय या फ्रीज किए गए खातों की संख्या पर तिमाही आधार पर रिपोर्ट दें, ताकि स्थिति की समीक्षा की जा सके और जरूरी सुधार किए जा सकें।
निष्क्रिय खातों का बढ़ता हुआ खतरा
बैंक खातों का निष्क्रिय होना, खासकर जब खातों में काफी रकम पड़ी हो, बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए एक गंभीर समस्या बन सकता है। इन खातों में पड़ा पैसा अक्सर बैंकों के लिए फायदेमंद नहीं रहता और न ही इसका कोई उपयोग होता है। इसके अलावा, यदि खाताधारक का ध्यान इन खातों पर नहीं जाता है, तो वे कभी-कभी बैंक से संपर्क भी नहीं करते, जिससे खातों का सही तरीके से प्रबंधन नहीं हो पाता।
आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग ने निष्क्रिय खातों की बढ़ती संख्या की जांच की और पाया कि कई बैंकों में निष्क्रिय खातों और बिना दावा किए गए जमा की संख्या काफी बढ़ चुकी है। इससे यह साफ हो गया कि बैंकों को इन खातों को सक्रिय करने और इनकी संख्या में कमी लाने के लिए जल्दी कदम उठाने चाहिए।
आरबीआई के द्वारा सुझाए गए समाधान
आरबीआई ने बैंकों से निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- केवाईसी (KYC) प्रक्रिया को पूरा करना: आरबीआई ने बैंकों को यह निर्देश दिया है कि वे निष्क्रिय खातों के खाताधारकों से केवाईसी (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करवाएं। केवाईसी पूरी करने से खाताधारक का पता चलता है और बैंक को खाताधारक से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाती है। इससे निष्क्रिय खाते सक्रिय हो सकते हैं।
- मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग: आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे खाताधारकों को मोबाइल/इंटरनेट बैंकिंग, वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रिया जैसी सुविधाएं प्रदान करें ताकि वे आसानी से अपना केवाईसी पूरा कर सकें और खाते को फिर से सक्रिय कर सकें।
- शाखाओं में केवाईसी प्रक्रिया: बैंक शाखाओं में भी केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है, जिससे खाताधारक आसानी से अपना केवाईसी पूरा कर सकें और उनका खाता सक्रिय हो सके।
- निष्क्रिय खातों की निगरानी: आरबीआई ने बैंकों को यह भी निर्देश दिया है कि वे निष्क्रिय खातों की तिमाही रिपोर्ट तैयार करें और इसका विश्लेषण करें ताकि समय रहते इन खातों को सक्रिय किया जा सके।
निष्क्रिय खातों को कैसे सक्रिय करें?
यदि आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो उसे फिर से सक्रिय करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- केवाईसी पूरा करें: सबसे पहले, अपने बैंक से संपर्क करें और केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करें। इसमें आमतौर पर आपके पहचान पत्र, पते का प्रमाण, और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल होते हैं।
- ऑनलाइन विकल्पों का उपयोग करें: आप बैंक की मोबाइल एप्लिकेशन या वेबसाइट का उपयोग करके भी अपना केवाईसी पूरा कर सकते हैं। इससे समय की बचत होती है और प्रक्रिया सरल होती है।
- शाखा में जाकर जानकारी प्राप्त करें: यदि आप ऑनलाइन प्रक्रिया में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, तो आप अपनी बैंक शाखा में जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और खाता सक्रिय करवा सकते हैं।
निष्क्रिय खातों से जुड़ी सावधानियाँ
- खाते की निगरानी: अपने बैंक खाते की स्थिति पर नियमित निगरानी रखें और समय-समय पर उसमें ट्रांजेक्शन करें ताकि खाता निष्क्रिय न हो।
- केवाईसी प्रक्रिया: अपने बैंक खाते का केवाईसी समय पर पूरा करें ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।
- धन की सुरक्षा: अगर आपने लंबे समय से किसी खाते का उपयोग नहीं किया है, तो उस पर पड़ा पैसा सुरक्षित रखने के लिए ध्यान रखें और आवश्यकतानुसार खाते को सक्रिय कराएं।
आरबीआई की ओर से निष्क्रिय खातों के खिलाफ उठाए गए कदम बैंकों के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आए हैं। बैंकों को अब अपनी प्रक्रिया को तेज़ी से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि निष्क्रिय खातों की संख्या को कम किया जा सके और वित्तीय सुरक्षा बढ़ाई जा सके। खाताधारकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समय-समय पर अपने खातों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे इस समस्या से बच सकें।