आज के समय में बैंक खाते का होना हर व्यक्ति की जरूरत बन गया है। बैंक न केवल हमारे पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि ब्याज के रूप में अतिरिक्त आय भी प्रदान करते हैं। साथ ही, नकद लेनदेन में सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बैंकों ने कुछ नए नियम लागू किए हैं। यह लेख आपको बैंक से नकद निकासी के नए नियमों और उनके महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देगा।
बैंक से नकद निकासी की सीमा
हर बैंक नकद निकासी के लिए एक निश्चित सीमा निर्धारित करता है। यह सीमा बैंक की नीतियों और खाताधारक की प्रोफाइल पर निर्भर करती है।
- अधिकांश बैंक एक दिन में ₹1,00,000 तक की नकद निकासी की अनुमति देते हैं।
- कुछ बैंकों में यह सीमा ₹5,00,000 तक हो सकती है।
यह सीमा विशेष रूप से खाताधारक के खाते के प्रकार और बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।
एटीएम से नकद निकासी का नियम
एटीएम के माध्यम से नकद निकासी की सीमा अलग-अलग होती है।
- अधिकांश बैंक एटीएम से ₹40,000 से ₹50,000 प्रतिदिन तक की नकद निकासी की अनुमति देते हैं।
- यदि ग्राहक को इससे अधिक राशि की आवश्यकता हो, तो उन्हें सीधे बैंक शाखा से संपर्क करना पड़ता है।
नि:शुल्क एटीएम लेनदेन की सीमा
ग्राहकों के लिए एटीएम से नकद निकासी पर नि:शुल्क लेनदेन की सीमा भी तय की गई है।
- अपने बैंक के एटीएम: खाताधारक एक महीने में 5 बार बिना किसी शुल्क के लेनदेन कर सकते हैं।
- दूसरे बैंकों के एटीएम: मेट्रो शहरों में 3 बार और गैर-मेट्रो शहरों में 5 बार तक नि:शुल्क निकासी की सुविधा है।
- इसके बाद प्रत्येक लेनदेन पर ₹21 का शुल्क लिया जाता है।
कार्ड के अनुसार नकद निकासी सीमा
डेबिट कार्ड के प्रकार के आधार पर नकद निकासी की सीमा अलग-अलग होती है।
- क्लासिक कार्ड (VISA/MasterCard): ₹25,000 प्रतिदिन।
- प्लेटिनम कार्ड: ₹75,000 प्रतिदिन।
- बिजनेस प्लेटिनम कार्ड: ₹1,00,000 प्रतिदिन।
खाताधारकों को अपने कार्ड की विशेषताओं और लाभों के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि वे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही विकल्प चुन सकें।
वार्षिक नकद निकासी और टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स)
नकद निकासी पर टीडीएस के नियम वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।
- ₹20 लाख से अधिक वार्षिक निकासी: यदि खाताधारक आयकर रिटर्न (ITR) नहीं दाखिल कर रहे हैं, तो उन्हें 2% टीडीएस का भुगतान करना होगा।
- ₹1 करोड़ से अधिक निकासी: इस पर टीडीएस दर बढ़कर 5% हो जाती है।
इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है और ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करें।
आयकर रिटर्न और नकद निकासी में छूट
जो लोग नियमित रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, उन्हें नकद निकासी पर टीडीएस से छूट मिलती है।
- यह प्रोत्साहन सरकार द्वारा उन व्यक्तियों को दिया गया है जो समय पर कर भुगतान करते हैं।
- नियमित कर दाखिल करने वाले खाताधारक बड़ी राशि की निकासी कर सकते हैं और उन्हें अतिरिक्त कर कटौती से बचने का लाभ मिलता है।
नकद निकासी के इन नियमों के लाभ
बैंकों द्वारा लागू किए गए नकद निकासी के नए नियम कई फायदे प्रदान करते हैं:
- वित्तीय पारदर्शिता: बड़े नकद लेनदेन पर निगरानी रखने से धोखाधड़ी और कर चोरी की संभावनाएं कम होती हैं।
- पैसों की सुरक्षा: सीमित नकद निकासी से खाताधारक अपने धन को सुरक्षित रख सकते हैं।
- डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा: इन नियमों से लोग अधिकतर डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने के लिए प्रेरित होते हैं।
- लेनदेन में अनुशासन: निर्धारित सीमा से खाताधारक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से निकासी कर सकते हैं।
खाताधारकों के लिए सुझाव
- नियमित आयकर रिटर्न दाखिल करें: यह न केवल कर कटौती से बचाता है, बल्कि बैंकिंग लेनदेन को आसान बनाता है।
- अपनी सीमा की जानकारी रखें: खाताधारकों को अपने बैंक की नकद निकासी सीमा और एटीएम लेनदेन के नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
- ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग करें: नकद लेनदेन की आवश्यकता को कम करने के लिए डिजिटल भुगतान के साधनों को अपनाएं।
- चार्ज से बचें: एटीएम से नि:शुल्क लेनदेन की सीमा का ध्यान रखें ताकि अतिरिक्त शुल्क न देना पड़े।
बैंक से नकद निकासी के नए नियम खाताधारकों के हित में बनाए गए हैं। ये न केवल पारदर्शिता और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं, बल्कि ग्राहकों को अपने धन का कुशल प्रबंधन करने में भी मदद करते हैं।
हर खाताधारक को इन नियमों की जानकारी रखनी चाहिए और अपने लेनदेन की योजना बनानी चाहिए। नियमित आयकर रिटर्न दाखिल करने और डिजिटल लेनदेन का उपयोग बढ़ाने से नकद लेनदेन पर निर्भरता कम की जा सकती है। यह न केवल आपकी सुविधा को बढ़ाएगा, बल्कि आपको अनावश्यक शुल्क और कर कटौती से भी बचाएगा।