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Personal Loan पर RBI का सख्त रवैया, नियमों में कर दिया ये बदलाव, लोन लेने पहले जान लें

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पर्सनल लोन आजकल के समय में सबसे लोकप्रिय वित्तीय साधनों में से एक बन चुका है। यह लोन जल्दी मिलने के साथ-साथ बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे (अनसिक्योर्ड) मिल जाता है। हालांकि, बढ़ते लोन डिफॉल्ट के मामलों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के लिए नियमों को और सख्त कर दिया है। इन नए नियमों का मकसद बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (NBFCs) को जोखिम से बचाना और वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना है।

पर्सनल लोन क्यों है खास?

पर्सनल लोन अन्य लोन की तुलना में कई मायनों में अलग और उपयोगी होता है:

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  • जल्दी उपलब्धता: इसे प्राप्त करने में समय कम लगता है।
  • कोई संपत्ति की जरूरत नहीं: इसमें गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती।
  • फाइनेंशियल संकट का हल: यह आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का एक आसान तरीका है।

हालांकि, इन खूबियों के साथ कुछ चुनौतियां भी जुड़ी हैं, जैसे समय पर भुगतान न कर पाने की समस्या।

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RBI ने क्या बदलाव किए?

RBI ने पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन से जुड़े नियमों को सख्त किया है। अब बैंकों और NBFCs को इन लोन के लिए पहले से ज्यादा पूंजी आरक्षित करनी होगी।

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  • पहले जहां 100% पूंजी आरक्षित रखनी होती थी, अब इसे बढ़ाकर 125% कर दिया गया है।
  • उदाहरण के लिए: यदि कोई बैंक ₹5 लाख का पर्सनल लोन देता है, तो अब उसे ₹6.25 लाख की पूंजी आरक्षित रखनी होगी।

इस बदलाव से बैंकों और NBFCs को अनसिक्योर्ड लोन देने में ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी।

नए नियम क्यों जरूरी हैं?

पिछले कुछ समय में पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड के उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है।

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  • लोन ग्रोथ में असामान्य बढ़ोतरी: पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन ने अन्य प्रकार के लोन को पीछे छोड़ दिया है।
  • डिफॉल्ट के मामले बढ़े: समय पर EMI का भुगतान न करने वाले मामलों में वृद्धि हुई है।
  • जोखिम प्रबंधन: बैंकों और NBFCs के लिए अनसिक्योर्ड लोन से जुड़े जोखिम बढ़ गए हैं।

इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए RBI ने यह कदम उठाया है ताकि वित्तीय प्रणाली को सुरक्षित और स्थिर बनाया जा सके।

ग्राहकों पर प्रभाव

RBI के इन नए नियमों का सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा।

  1. लोन लेना होगा कठिन: बैंकों को ज्यादा पूंजी आरक्षित करनी होगी, जिससे अनसिक्योर्ड लोन देना कम हो सकता है।
  2. ब्याज दरों में वृद्धि: पूंजी बढ़ाने के कारण लोन की लागत बढ़ सकती है।
  3. सख्त क्राइटेरिया: लोन के लिए योग्यता और क्राइटेरिया ज्यादा सख्त हो सकते हैं।

सिक्योर्ड लोन पर क्या असर होगा?

यह नए नियम केवल अनसिक्योर्ड लोन जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पर लागू होंगे।

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  • सिक्योर्ड लोन (होम लोन, कार लोन, गोल्ड लोन) पर इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • इसका कारण यह है कि सिक्योर्ड लोन में बैंकों के पास संपत्ति गिरवी रखी जाती है, जो जोखिम को कम करती है।

ग्राहकों के लिए सुझाव

  1. अपनी वित्तीय स्थिति जांचें: लोन अप्लाई करने से पहले अपनी आय और क्रेडिट स्कोर का विश्लेषण करें।
  2. समय पर भुगतान करें: लोन की EMI समय पर भरें ताकि डिफॉल्ट से बचा जा सके।
  3. सिक्योर्ड विकल्पों पर विचार करें: अगर संभव हो तो सिक्योर्ड लोन लेना बेहतर होगा।

RBI द्वारा पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन पर लागू किए गए नए नियम बैंकों और NBFCs को वित्तीय स्थिरता देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इससे ग्राहकों को लोन लेने में थोड़ी मुश्किल हो सकती है।

अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन नियमों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें। समय पर भुगतान करें और अनावश्यक लोन लेने से बचें। नए नियम देश की वित्तीय प्रणाली को मजबूत और सुरक्षित बनाएंगे, जो लंबे समय में सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।

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