भारत में सीमेंट सेक्टर तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, लेकिन हाल के वर्षों में इस उद्योग को कड़ी प्रतिस्पर्धा और कमजोर मांग का सामना करना पड़ा है। Yes Securities की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट की कीमतें पिछले पांच वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं। इस स्थिति का मुख्य कारण कंपनियों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मांग में गिरावट है।
कड़ी प्रतिस्पर्धा से कीमतों पर दबाव
सीमेंट कंपनियों के बीच लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने कीमतों पर गहरा प्रभाव डाला है। कंपनियां अपने बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने के लिए कीमतें बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन कमजोर मांग के कारण उन्हें ये बढ़ोतरी वापस लेनी पड़ रही है।
- कमजोर मांग के चलते कंपनियां उच्च कीमतें बनाए रखने में असमर्थ हैं।
- अधिक प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों को कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
इस प्रतिस्पर्धा ने उद्योग की लाभप्रदता को प्रभावित किया है और निकट भविष्य में कीमतों में किसी भी महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावना कम दिखाई दे रही है।
मांग में गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, सीमेंट की मांग में कमी बाजार की कमजोर गतिशीलता को दर्शाती है।
- निर्माण क्षेत्र और रियल एस्टेट में धीमी गति के कारण सीमेंट की खपत में गिरावट आई है।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में कमी ने भी मांग को प्रभावित किया है।
हालांकि, आने वाले वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और आवासीय मांग में वृद्धि के साथ स्थिति में सुधार होने की संभावना है।
मांग में सुधार की संभावना
रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष FY25-26 के मध्य से सीमेंट की मांग में सुधार देखने को मिल सकता है।
- बढ़ती इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं और रियल एस्टेट गतिविधियां मांग को बढ़ावा देंगी।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास परियोजनाओं के पुनरुद्धार से उद्योग को मजबूती मिलेगी।
डिमांड और सप्लाई के बीच की असंतुलन धीरे-धीरे सुधरने की उम्मीद है, जिससे बाजार स्थिर हो सकता है।
उद्योग की क्षमता और भविष्य की योजना
सीमेंट उद्योग अगले कुछ वर्षों में अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना बना रहा है।
- FY25-FY30 के बीच 90 मिलियन टन अतिरिक्त क्षमता जोड़ने की उम्मीद है।
- FY27 तक कुल स्थापित क्षमता 703 मिलियन टन और FY28 तक 723 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है।
- धीरे-धीरे क्षमता उपयोग में सुधार होगा, जिससे आपूर्ति और मांग के बीच का अंतर कम होगा।
वित्तीय वर्ष 24-25 में मांग सुस्त रहने की संभावना
Yes Securities की रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष FY24-25 में मांग सुस्त बनी रह सकती है।
- उद्योग को अभी भी बाजार में सुधार के लिए कुछ समय लगेगा।
- हालांकि, लंबी अवधि में यह क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
भारतीय सीमेंट सेक्टर फिलहाल कमजोर मांग और कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। कंपनियां मूल्य वृद्धि बनाए रखने में असमर्थ हैं, और मांग में सुधार होने तक यह स्थिति बनी रह सकती है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 25-26 के बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और रियल एस्टेट में उछाल से उद्योग को गति मिलने की उम्मीद है।
दीर्घकालिक दृष्टि से, सीमेंट उद्योग में विस्तार और विकास की संभावनाएं प्रबल हैं। बाजार में सुधार की प्रतीक्षा करते हुए, कंपनियों को अपने परिचालन लागत को नियंत्रित रखने और नई परियोजनाओं के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।